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प्रेगनेंसी के उनतालीसवें सप्ताह, हफ्ते के लक्षण, डाइट, शरीर में बदलाव और शिशु का विकास | 39th, Thirty-Ninth, Thirty-Nine Week Pregnancy

मैं डॉक्टर सुप्रिया पुराणिक, टेस्ट्री बेबी कंसल्टेंट, और प्रैक्टिसिंग आफ्टरटिक और गाइनेकोलॉजी से जुड़ी लगभग 20 वर्षों से हूँ। अब हमारे गर्भावस्था का उन्तालिसवा हफ्ता चल रहा है, और हम गर्भावस्था के आखिरी चरण पर हैं। इस हफ्ते के बाद, हमारे नौ महीने पूरे हो जाएंगे। अभी हमें डिलिवरी के बारे में कई सवाल हैं। कैसे होगा? क्या हमें अस्पताल जाने के लिए समय चाहिए होगा या नहीं? लेकिन मैं आपको एक बात बताना चाहती हूँ, वैसे जैसे फ़िल्मों में दिखाया जाता है, मां अपने पेट पर हाथ रखती हैं और कहती हैं, “अब समय आ गया है, मुझे जल्दी से अस्पताल ले जाओ.”

और जब हम अस्पताल पहुंचते हैं, डॉक्टर हँसते हुए आकर बोलते हैं, “बधाई हो, आप बाप बन गए हैं।” लेकिन यह डिलिवरी की प्रक्रिया उतनी ड्रामेटिक नहीं होती है जैसे कि हम पहली बार गर्भवती होते हैं। डिलिवरी की प्रक्रिया बहुत ही धीमी होती है, और हमारे पास 8-10 घंटों का समय होता है, ताकि हम अस्पताल पहुंच सकें। आपकी सारी फाइलें और बैग लेकर आप धीरे-धीरे अस्पताल जा सकते हैं। जब हमारे बेबी की सिस्टर बग में प्रेशर डालती है, तो हमें बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता होती है, और साथ ही हमारे बेबी की हेड नीचे आ गई है, इससे हमारी फेफ़ड़ों का दबाव कम हो गया है, और हमें सांस लेने में कुछ कठिनाइयाँ हो रही हैं, नींद भी पूरी तरह से नहीं आ रही है।

इसलिए, हम इस हफ्ते में हमारे बेबी में क्या परिवर्तन हो रहे हैं, इसे जानने के लिए तैयार हैं। हमारे बेबी की लंबाई लगभग 8 x 19 इंच तक पहुंच गई है, और हमारे बेबी का वजन लगभग 2.9 किलो से 3.5 किलो तक पहुंच गया है। हमारे बेबी के पेट के अंदर फैट जमा होना शुरू हो गया है, और यह फैट डिलिवरी के बाद बेबी का तापमान संतुलित रखने में मदद करता है। बेबी की साइट पर पानी भी है, जो एक तरल पदार्थ होता ह

ै, और अमनिओटिक फ्लूइड है, जो अब कम हो रहा है, इसलिए बेबी की हरकतें अब थोड़ी कम हो गई हैं। बेबी के लंग्स और योनिके लंग्स अच्छी तरह से विकसित हो गए हैं, और अब हमें इस हफ्ते में खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस हफ्ते में, हमारे पेंस नियमित रूप से आ रहे हैं, अनुमानित रूप से हर 10-15 मिनट के बाद, तो अगर यह होता है, तो हमें अस्पताल जाना चाहिए। अगर पानी छूटता है, यानि योनी से बार-बार पानी जा रहा है, तो भी हमें अस्पताल जाना चाहिए। अगर ब्लीडिंग शुरू हो गई है, तो भी हमें अस्पताल जाना चाहिए, या फिर अगर बेबी की हरकतें या मूवमेंट्स कम हो गई हैं, तो भी हमें अस्पताल जाना चाहिए।

जब आप अस्पताल जाते हैं, तो आपको अच्छे से स्नान करके जाना चाहिए, और जब लेबरपेडिक्स शुरू होते हैं, तो आपको घर पर रहने की सलाह दी जा सकती है। आपको थोड़ी सी रिलैक्सेशन एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जा सकती है, साथ ही साथ ब्रीथिंग एक्सरसाइज़ करने की भी सलाह दी जा सकती है। पहले, डॉक्टर आपकी जाँच करेंगे और बताएंगे कि आपके डिलिवरी के लिए कितना समय बचा है, जिसे देखकर वे आपको लेटने या घूमने की सलाह देंगे। अगर आपकी आम्दनी होती है, तो डॉक्टर आपको लेटने की सलाह देंगे, लेकिन अगर लीकेज होता है, तो वे आपको लेटने की सलाह नहीं देंगे।

मैं आपको यहाँ दिए गए सलाह को ध्यानपूर्वक पढ़ने की सलाह देती हूँ। “जब आप अस्पताल में एडमिट रहेंगे और डॉक्टर आपको चलने घूमने की इजाज़त देते हैं, तो आपको बहुत अच्छी तरह से घूमते फिरते रहना है क्योंकि लेबर पेन्स के शुरू में आप जितने एक्टिव रहोगे, उतना नॉर्मल डिलीवरी के लिए बहुत ज़्यादा हेल्प होता है।

दूसरी बात, आपको ये ध्यान में रखना है कि पिशाब को आप बार-बार रोकने की कोशिश नहीं करें, बल्कि आपको पिशाब जाने देना है।

तीसरी महत्वपूर्ण बात है कि जब आपका पेट साफ नहीं होता, तो आपको डॉक्टर को इसकी जानकारी देनी चाहिए, और डॉक्टर आपको किसी चिकित्सा कार्यवाही के लिए कह सकते हैं।

चौथी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब हमारे पेन्स शुरू हो जाते हैं, तो हमें ब्रीथिंग एक्सरसाइज़ेस करनी चाहिए और पेन्स के दौरान हमें हमारी सांसों पर ध्यान देना चाहिए।

पांचवीं महत्वपूर्ण बात है कि दो पेन्स के बीच में जो समय होता है, उस समय में आपको अच्छे से रिलैक्स होना चाहिए।

छठी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आपके पेन्स में गहरा दर्द होता है और आप उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो आपको खुलकर डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर आपकी डिलीवरी को भी नॉर्मल बना सकते हैं और आपकी पेन्स के दर्द को भी कम कर सकते हैं।

सातवीं महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आपको पुश करने की इच्छा होती है, तो आपको इसे डॉक्टर से विस्तार से चर्चा करनी चाहिए, ताकि आपको गर्भाशय के मुख को पूरी तरह से फैलाने की जानकारी मिले। उससे पहले, आप पुश करने की प्रारंभिक कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वह बेबी के सिर पर प्रेशर डाल सकता है।

आठवीं महत्वपूर्ण बात यह है कि लेबर के दौरान आपको स्ट्रेस-फ्री रहना है, क्योंकि जब आपका स्ट्रेस बढ़ जाता है, तो बेबी के लिए जरूरी ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इसलिए, आपको हमेशा स्ट्रेस से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।

नौवीं महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको माता को बीच-बीच में क

्लियर फ्रूट जूस देना चाहिए। आप माता को हर्बल टी के साथ दे सकते हैं और घर से थर्मॉस में क्लियर फ्रूट जूस के आइस क्यूब्स लेकर आ सकते हैं। लेबर के दौरान माता को ड्राइनेस हो सकती है, और इसलिए उनको कुछ ठंडा खाने या पीने का मन कर सकता है, इसलिए घर का हेल्दी फ्रूट जूस के आइस क्यूब्स उनके लिए बहुत अच्छे हो सकते हैं।

अंत में, मैं आपकी माता की सुरक्षित और आसान डिलीवरी की कामना करती हूँ। इस वीडियो में हमने जाना कि उन्तालीसवें हफ्ते में हमारे शरीर में क्या बदलाव हो सकते हैं और हमारे बेबी के शरीर में क्या परिवर्तन हो सकते हैं। हमें यह भी पता चला कि इस हफ्ते में हमें कौनसी देखभाल की आवश्यकता है। इस सीरीज का समापन जल्द होने वाला है, तो आप इसे जरूर देखें।”

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