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फिशर के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज | Anal Fissure in Hindi

आज मैं आपको एनल फिशर के डाइग्नोसिस और ट्रीटमेंट के बारे में बताऊंगा। आप जानते हैं कि इसके होने की संभावना जीवन में किसी को ज्यादा नहीं होती है, लेकिन फिर भी इसका पता कैसे लगता है?

90% दौरान इसका पता मेडिकल हिस्ट्री से ही पता चल जाता है। आपको लेटिन करते समय दर्द होता है, लेकिन यह दर्द कैसा होता है? यह दर्द लेटिन करते समय होता है या बाद में भी? दर्द की अवधि कितनी होती है? आपको किस स्थिति में दर्द होता है? ये सभी जानकारी हमें यह स्पष्ट कर देती है कि क्या आपको एनल फिशर है या नहीं।

फिर हम आपके लेटिन के रास्ते से फिजिकल एग्जाम करते हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि क्या आपको एनल फिशर है या नहीं। कभी-कभी हमें आपके एनल स्फिंक्टर का सही से जांच करना पड़ता है। एनल फिशर दो प्रकार के होते हैं – एक एक्यूट फिशर और एक क्रॉनिक फिशर। एक्यूट फिशर ताजा होता है, जबकि क्रॉनिक फिशर पुराना होता है। क्रॉनिक फिशर वह होता है जिसे आठ हफ्तों में हील नहीं होता। अगर फिशर होता है और वह आठ हफ्तों में हील नहीं होता, तो इसे क्रॉनिक फिशर कहा जाता है।

एक्यूट फिशर को देखते समय वह फ्रेश कट जैसा दिखता है, जैसे किसी ने ब्लेड से काटा हो। यह बिल्कुल पेपर कट कहलाता है और यह एक बड़ा फिशर होता है। क्रॉनिक फिशर होता है, वह तोड़ा सा गहरा होता है, डार्क कलर होता है, ओपन अप होता है और इसके मार्जिन में फ्लेशी ग्रोथ जैसा दिखता है। फिशर की स्थिति कहीं पर भी हो सकती है, ऊपर या नीचे। यदि फिशर ऊपर होता है, तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे कब्ज़ या कड़क शौच के कारण हो सकता है। जबकि नीचे की ओर होने वाले फिशर कभी-कभी अन्य समस्याओं के संकेत हो सकते हैं, जैसे कि क्रोन्स रोग या कोई अन्य बीमारी।

कई बार हमें एनल फिशर की पहचान के लिए प्रोक्टोस्कोपी करनी पड़ती है, जिसमें हम एक छोटा उपकरण प्रयोग करते हैं, जिसे लेटिन के रास्ते से पास किया जाता है। इससे हम देख सकते हैं कि फिशर किस स्थिति में है, कितना गहरा है, यह एक्यूट है या क्रॉनिक है।

जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो पहला कदम आपको असरकारी चिकित्सा नहीं करनी पड़ती है। असरकारी चिकित्सा में हम दवाइयों का उपयोग करते हैं, और इसमें नाइट्रोग्लिसरिन एक महत्वपूर्ण दवा है, जिसे आपको रोजाना रात को लेटिन के रास्ते से लगानी होती है। नाइट्रोग्लिसरिन को चिकित्सा का चयन माना जाता है।

यह वह दवा है जो एनल फिशर को ठीक करने में मदद करती है, जब आप इसका उपयोग करते हैं, तो यह वास्तव में गुदा की हीलिंग को प्रोत्साहित करती है। यह आपके एनल स्फिंक्टर को भी आराम देती है, जिससे हीलिंग को भी प्रोत्साहित करेगी, और एनल स्फिंक्टर को भी आराम देगी, तो यदि ये दोनों काम करते हैं तो आपका दर्द धीरे-धीरे कम हो जाएगा और एनल स्फिंक्टर वास्तव में हील हो जाएगा, बस यह है कि जो नाइट्रो ग्लिसरीन है, थोड़ा सा साइड इफेक्ट आ सकता है, विशेषकर कभी-कभी यह सिरदर्द कर सकता है, जिससे आपको शायद विवरण करने की आवश्यकता होगी।

अब, वाडिल प्राइड इफेक्ट प्रयुक्त होती है, जो यह लेटिन के माध्यम से काम करती है, या स्थानीय एनेस्थेशिया जैसे काम करती है, इसमें सबसे ऊपर जायलोकेन आता है, जो जायलोकेन है, 2-5% कंसंट्रेशन में लगाया जाता है, लेटिन करने से पहले या लेटिन के बाद, आपको स्थानीय क्षेत्र में इसका उपयोग करना होगा, दो बार। यह वास्तव में एनेस्थेटिक क्रीम होती है और यह आपके लेटिन के मार्ग को सुन कर देती है, यह एनेस्थेटाइस कर देती है, जिसके कारण आपका दर्द वास्तव में कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप आपके फिस्सर की हीलिंग तेजी से हो जाती है। जब आपका दर्द कम हो जाता है, तो एनल स्फिंक्टर को भी आराम मिलता है। जब एनल स्फिंक्टर को आराम मिलता है, तो स्फिंक्टर में दर्द कम हो जाता है, जिससे आपका पेन खत्म हो जाता है, और फिस्सर की हीलिंग तेजी से हो जाती है। जिस पेन का आपको डर है, वह वास्तव में गायब हो जाता है। विज्ञान इसे मानता है कि अगर नाइट्रोग्लिसरीन असफल होती है, तो इस स्थिति में आपको डिल्टिया जैसे या नाइफेडिपीन की तरह स्थानीय क्रीमों का उपयोग करने की आवश्यकता होगी।

अगर नाइट्रोग्लिसरीन से प्रतिक्रिया आती है, तो विज्ञान का मानना है कि यह परस्विल है जो सबसे अच्छी दवा है। कभी-कभी ऐसी स्थिति आती है कि एक्यूट फिसर होता है या फिसर होता है, और आपके द्वारा की जा रही सभी दवाओं से भी आपका फिसर ठीक नहीं हो रहा है और आपका पेट भी दुख रहा है। अगर ऐसा है, तो विज्ञान के अनुसार वास्तविक में आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। हम सर्जिकल उपचार के बारे में बात करेंगे।

अब, क्वास्टों वोद का उपयोग किया जाता है, लेकिन दर्द इतना अधिक है कि आपकी सहिष्णुता से बाहर है, तो अगर आप क्वास्टों वोद का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है। नम्बर सर्जिकल उपचार में क्या किया जाता है?

तो आपको परवार्थ पर लगा रहे हैं, लेकिन दर्द इतना अधिक है कि आपकी सहिष्णुता से बाहर है, तो आपको सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है। नॉमिनल सर्जिकल उपचार में क्या किया जाता है?

तो आपको परवार्थ पर लगा रहे हैं, तो आपको परवार्थ पर लगा रहे हैं, तो आपको परवार्थ पर लगा रहे हैं, इसे कहते हैं लेटरल इंटरनल इस्पिंटराटमी कि जो आपकी लेटरल साइड है उसके इंटरनल जो इस्पिंटर है उसका कुछ हिस्सा काट दिया जाता है ताकि मांसपेशियों को आराम मिले और जो एनल इस्पिंटर है वह भी आराम मिलता है, ताकि आपका दर्द धीरे-धीरे कम हो जाए, जैसे ही आपका दर्द कम होता है, तो इंटरनल इस्पिंटर आराम मिलने के बाद एनल इस्पिंटर की हीलिंग शुरू हो जाती है। जहांतकर सर्जिकल उपचार के सवाल है, इसे माना जाता है कि अगर आपको क्रोनिक एनल फिशर है और एनल फिशर उत्तरदायी नहीं है तो वास्तव में सर्जिकल उपचार की शुरुआत हो सकती है और वह काफी कठिन हो सकता है। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको अपने आहार में फाइबर जोड़ना चाहिए। आपको औसतन रोज 25-30 ग्राम फाइबर लेने की आवश्यकता है कि अगर आप इतना फाइबर खाते हैं, तो आपकी मल त्वचा बेहद मुलायम होती है। तो आपकी मल त्वचा बेहद मुलायम होती है तो आपको बहुत देर तक जो बैठना चाहिए, क्योंकि आप बहुत देर बैठते हैं, आप स्ट्रेन करते हैं, तो आपका जो फिशर है जो हील होते है तो वास्तव में आपको प्रेसटर लगाना चाहिए।

नम्बर वन आपको बहुत देर तक नहीं बैठना चाहिए क्योंकि आप बहुत देर बैठते हैं, आप स्ट्रेन करते हैं, तो आपका जो फिशर है जो हील होते है तो वास्तव में आपको प्रेसटर लगाना चाहिए।

नम्बर वान आपको बहुत देर तक नहीं बैठना चाहिए क्योंकि आप बहुत देर बैठते हैं, आप स्ट्रेन करते हैं, तो आपका जो फिशर है जो हील होते है तो वास्तव में आपको प्रेसटर लगाना चाहिए।

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एनलपिशन के संदर्भ में, यह एक बहुत ही पॉपुलर है। यह पॉपुलरिटी को निर्धारित करने के लिए कई छोटे-मोटे टेस्ट की आवश्यकता होती है। इसमें से मुझे लगता है कि प्रोक्टोस्कोपी, सिग्मोइड कोलोनोस्कोपी, और कोलोनोस्कोपी। ये तीन चीजें आपकी बॉकेट लिस्ट में होनी चाहिए। डॉक्टर आपको आवश्यकतानुसार इन टेस्ट्स को कॉन्डक्ट करेंगे। शेकंड वोद भी नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट है। तफर्ड वोद भी सर्जिकल ट्रीटमेंट है, स्ट्रेन नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि फिशर होने की संभावना कम होगी और अगर फिशर हुआ है तो उसे रोकने के लिए आपको कई बातें करनी होंगी, सुपोजिटरी प्रॉबिंग भी एक अच्छा तरीका है, सुपोजिटरी प्रॉबिंग का उपयोग करके आप अपने फिशर को बेहद आराम से देख सकते हैं, और आप उसकी हीलिंग को मान सकते हैं।

नम्बर वान जिसका मतलब है कि आपको एक बड़े पैमाने पर कोलोनोस्कोपी की आवश्यकता हो सकती है। इसे विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ बात करने की सलाह दी जाती है।

जब आप इस पर विचार करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप एक डॉक्टर के साथ मानव सम्पर्क करें और उनसे अपने स्थिति के बारे में बात करें ताकि वे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें। फिशर के उपचार में यदि उचित चिकित्सा देखभाल नहीं की जाती है, तो यह आपकी स्थिति को और भी खराब कर सकता है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।”

यदि आपके पास किसी अन्य प्रकार की मदद या अतिरिक्त सवाल हो, तो कृपया पूछें।